Kunihar Struggle (कुनिहार संघर्ष)

By | November 6, 2016

कुनिहार संघर्ष (Kunihar Struggle):

ये शिमला पहाड़ी क्षेत्र की 7 वर्ग मील में विस्तृत एक छोटी सी रियासत थी। प्रथम आवाज राणा के अभद्र पूर्ण व्यवहार के विरुद्ध 1920 में उठी । उस समय रियासत का राणा हरदेव सिंह (Hardev Singh) था। राणा ने आंदोलन के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया । 1928 में जब आंदोलन के प्रमुख नेता जेल से रिहा हुए तो लागों ने फिर से इक्टठा होना शुरू कर दिया तथा 1939 में इसी कारण शिमला में ‘कुनिहार प्रजा मंडल’ (Kunihar Praja Mandal) की स्थापना की गयी । इसके प्रमुख नेता बाबू कांशी राम (Babu Kanshi Ram) और गौरी शंकर (Gauri Shankar) थे । 13 जून 1939 को कुनिहार के राणा ने इस प्रजा मंडल को अवैध करार दिया ।

8 जुलाई 1939 को इस मंडल ने राणा के समक्ष ये मांगें रखी, जिसमे

1) राजनितिक कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाये,

2) भूमि कर में 25% की कमी,

3) प्रजा मंडल पर लगा सरकारी दमन को समाप्त करना,

4) सुधार कमिटी का गठन करना ।

राणा ने इन मांगों को मानने का निर्णय ले लिया और 9 जुलाई 1939 प्रमुख नेताओं के साथ वार्ता शुरू की । इस वार्ता में कुनिहार के लोग ही नहीं बल्कि धामी, भज्जी, नालागढ़, मेहलोग और बाघल तथा हिमालयन रियासती प्रजा मंडल (Himalayan Riyasti Praja Mandal) के सामान्य सचिव भी शामिल हुए । इस प्रकार यह लोकतान्त्रिक दल की पहली विजय थी ।

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One thought on “Kunihar Struggle (कुनिहार संघर्ष)

  1. Siya

    Please add the English translations to all the satyagraha and movements below the hindi ones. It will be really helpful

    Reply

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