GS-2 (Governance and its related issues in HP)
Topic: 1. Governance in Himachal Pradesh: The Himachal Pradesh Public Service Guarantee Act 2011; Right to Information Act, 2005 and rules made thereunder by the Himachal Pradesh Government. (GS-2, UNIT-2)
2. Administrative reforms for effective public service delivery in Himachal Pradesh. (GS-2, UNIT-2)
हाल ही में कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचकांक में हिमाचल को पूर्वोत्तर व अन्य सभी पहाड़ी राज्यों में प्रथम स्थान हासिल हुआ है। वहीं दूसरी तरफ नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में राज्य को देशभर में केरल के बाद दूसरा स्थान हासिल हुआ है।इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में हिमाचल ने बाकी राज्यों की तुलना में अधिक तरक्की की है।
वर्तमान सरकार के जनमंच कार्यक्रम और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शुरुआत देशभर में एक अनूठी पहल मानी जा रही है। इससे से जहां एक तरफ आम जनता और सरकार के बीच सीधा संवाद स्थापित होने से जन समस्याओं के निपटान में तेजी आई है, वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की सुस्ती दूर होने से प्रशासनिक कार्यों को गति मिली है। वही लोग को राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र की आयुष्मान योजना के साथ हिम केयर योजना की शुरुआत किया जाना भी एक सकारात्मक पहल है। इससे दिहाड़ीदार मजदूर, गरीब, दिव्यांग, एकल महिलाएं अन्य कई व्यक्ति जो किसी कारणवश आयुष्मान की पात्रता नहीं रख पाए थे उन्हें इस योजना से लाभ मिल रहा है। जो नाम मात्र की बीमा राशि देकर 5 लाख तक का इलाज बिना किसी शुल्क के सरकारी व निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में करवा सकते हैं।
इसके अलावा सरकार ने सतत विकास लक्ष्यों में बेहतर स्थिति हासिल करने के लिए गरीबी और भूखमरी को कम करने के लिए बहुत सी योजनाएं चला रखी है। जिनमें गृहणी सुविधा योजना को अहम माना जा सकता है। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार व पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाने में सहायता मिल रही है। वही हाल ही में सरकार द्वारा महिलाओं के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और हिमाचल लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में निशुल्क आवेदन की सुविधा व सरकारी स्कूलों में सामान्य श्रेणी के नौवीं व दसवीं के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराने का निर्णय भी शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को राज्य में और मजबूत करेगा।
लोगों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने पुराने नियमों व अधिनियमों मे सुधार कर उन्हें सक्ति से लागू करने का प्रयास किया है। लोगों को समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 लागू किया गया है।इससे सभी नागरिकों को अधिसूचित सेवाएं निश्चित समय अवधि के अंदर हासिल करने का अधिकार दिया गया है ताकि अधिकारियों द्वारा लोगों को गैर जिम्मेदाराना रूप से परेशान ना किया जा सके। अधिकारियों की जवाबदेही बनी रहे इसके लिए अधिकृत अधिकारियों पर 5000 तक जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है।
राज्य में सूचना का अधिकार 2005 लागू है जिससे किसी भी नागरिक को प्रशासनिक कार्यों संबंधी सूचना लेने का अधिकार दिया गया है। राज्य में लोगों को इंटरनेट आधारित सुविधाएं देने के लिए ई शासन पर जोर दिया जा रहा है। हिमाचल पूरे देश में ई- विधानसभा लागू करने वाला पहला राज्य है। राज्य में लोकमित्र केंद्रों की स्थापना की गई है जिससे लोक जीवन से जुड़ी बहुत सी इंटरनेट आधारित सेवाएं लोगों को ग्राम स्तर पर दी जा रही है। प्रशासन को पारदर्शी व प्रभावशाली बनाने के लिए राज्य में हिमस्वान योजना लागू की गई है जिससे ब्लॉक स्तर के सभी कार्यालयों को इंटरनेट से जोड़ा गया है। इसके इलावा 100% आधार पंजीकरण वाला भी हिमाचल पहला राज्य है।
मानव विकास सूचकांक में हिमाचल केरल के बाद दूसरे स्थान पर है। वहीं प्रति व्यक्ति आय वह गरीबी निवारण में हिमाचल क्रमश: तीसरे व चौथे स्थान पर है। हिमाचल जैसे छोटे व मुश्किल भौगोलिक स्थिति वाले राज्य का प्रशासनिक सुधारों में अब्बल रहना निश्चित तौर एक बड़ी उपलब्धि है। ऐसा राज्य जिसकी 90% के करीब आबादी गांव में रहती है, जिनका पेशा कृषि है और कृषि भी जहां 80% से अधिक बारिश पर निर्भर है, जहां आय के बिल्कुल सीमित साधन है, इन सब के बावजूद भी यदि हिमाचल बेहतर आर्थिक एवं प्रशासनिक स्थिति हासिल कर पाया है तो इसमें सरकार की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। अच्छे प्रशासनिक सुधारों से ही राज्य स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी निवारण व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर पाया है।
लेखक: लाभ सिंह
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