सुकेत सत्याग्रह (Suket Satyagraha-1948) :
मंडी की तरह, 1914 के ग़दर आंदोलन का प्रभाव सुकेत पर भी पड़ा था । बेगार प्रथा और भ्रष्ट प्रशासन के विरुद्ध 1942 में लोगों ने आवाजें उठानी शुरू कर दी ।
दो दशकों के शांति के बाद 1945 में मियां रतन सिंह की अध्यक्ष्ता में क्रांति शुरू कर दी गयी । 1947 में सत्याग्रह शुरू कर दिया गया । फरबरी 1948 में हिमालयन हिल स्टेट्स कौंसिल ने कार्यकारी सरकार की स्थापना सुकेत में की थी । अस्थायी सरकार के अध्यक्ष पंडित शिवा नन्द रमौल थे , तथा अन्य सदस्यों में राम चंदेल (बिलासपुर), पंडित पदम देव (बुशहर), मुकंद लाल आदि थे ।
अस्थायी सरकार के सदस्यों का सम्मलेन सुन्नी (भज्जी स्टेट) में 1948 में हुआ जिसमे संपूर्ण प्रान्त बनाने के लिए आंदोलन करने का निर्णय किया गया । सुकेत रियासत को सबसे पहले आंदलन के लिए चुना गया ।
18 फरबरी 1948 में पंडित पदम देव (Pt. Padam Dev) की अध्यक्ष्ता में आहिंसातमक तरीके से आंदोलन की शुरुआत की गयी । तीन दिनों में लगभग तीन चौथाई राज्य सत्याग्रहियों के नियंत्रण में आ गया । 23 फरबरी 1948 ,राजा लक्ष्मण सेन ने भारतीय सरकार से आग्रह किया कि वो सेना भेज कर आंदोलन को समाप्त करे । 15 अप्रैल 1948 में सुकेत का विलय हिमाचल प्रदेश में कर दिया गया ।
Suket Satyagraha:
In 1862 and 1876, the people of Suket revolted against the ruler and his minister Narottam.
In 1924, there were uprisings in the Suket state, which forced Raja to flee to Dehradun. The reasons for the uprisings were:
- Maladministration
- High taxes
- Prevalence of Begar System
Suket Riyasti Praja Mandal (SRPM) was recognized in 1945 with Mian Rattan Singh as its President. SRPM demanded responsible government but Raja used repressive measures to suppress it.
Finally, in February 1948, Himalayan Prant Provisional Government met at Sunni (Bhajji State) and decided to set up a full-fledged province under the centre with democratic features. Suket was chosen as its first target.
On 18th February 1948, a non-violent Satyagraha was launched under the leadership of Pt. Padam Dev. Raja Laxman Sen requested the Indian government to send an army to end the revolt.
On 15th April 1948, Suket was merged with Himachal Pradesh.
Liked the article? We’re a non-profit website. Make a donation and help us build our work.
कृपया हिन्दी मे पेपर भेज दिया करें